भ्रातृ मंडल के स्थापना वर्ष से किये गये कार्यों का विवरण:

1960 – गाँव में चमुवाँ, शरणाँ के खेतों में एक गिरक-कौतिक होता था उसमें लकड़ी की एक बड़ी गेंद को दो पक्ष वाले पहलवान अपनी-अपनी तरफ कसकर पकड़ कर ले जाते थे तथा इस छीना-झपटी में झगड़ा होता था अतः उसमें कुछ बदलाव कर रस्सी खींच, गिर का खेल (हॉकी का खेल) को बढ़ावा दिया गया परन्तु कुछ समय पश्चात् यह कौतिक बंद हो गया।
1961 – मई माह में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के गुणानुवाद का भव्य आयोजन किया गया। यह एक यादगार समारोह के रूप में समपन्न हुआ।
1962 – गांव में प्राइमरी पाठशाला का नामांकन संशोधन प्रस्ताव जिला कार्यालय अल्मोड़ा को भेजा गया जिसे शीघ्र स्वीकृत कर पाठशाला का नाम ईन्डा – डोब किया गया, माँ मानिला मंदिर में गौंपई का आयोजन किया गया। इस साल से ही माँ मानिला मंदिर प्रांगण में 26 जनवरी को भव्य समारोह (कौतिक) आयोजित किया गया।
1964 – जुलाई माह में माँ भगवती का भंडारा आयोजित किया गया।
1965 – जून माह में एक बड़ी चांदनी (टैंट) खरीदी गयी तथा पुनः भव्य राम-लीला का आयोजन किया गया।
1968 – अगस्त माह में माँ भगवती का भंडारा आयोजित किया गया।
1969 – भ्रातृ मंडल दिल्ली के प्रत्येक सदस्य के घर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन किया गया।
1970 – भ्रातृ मंडल द्वारा गाँव में “अमर सिंह राठौर” नामक ड्रामा का विमोचन किया गया।
1974 – अगस्त माह में माँ भगवती का भंडारा आयोजित किया गया।
1977 – नवज्योति इंटरमीडिएट कॉलेज, सिनार को मान्यता प्राप्त एवं आर्थिक अनुदान हेतु भ्रातृ मंडल का शिष्ट मंडल लखनऊ भेजा गया तथा कार्यो को कार्यान्वयन किया गया।
1978 – माँ भगवती का भंडारा किया गया।
1981 – माँ भगवती के मंदिर के टीले को काटकर चौरसीकरण किया एवं तीनो मंदिरो की नवीन प्रतिष्ठा की गयी।
1982 – अगस्त माह में माँ भगवती की नव मूर्ति प्रतिस्थापना एवं भंडारे का आयोजन किया गया। अक्टूबर माह में श्री नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर शमशान घाट नौला एवं शिवालय के विकास हेतु प्रस्ताव दिया गया।
1985 – नवम्बर माह में मानिला मंदिर में गौंपई का आयोजन किया गया।
1986 – अगस्त माह में पंचायत घर बनाये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया।
1987 – भिक्यासैंण – ईन्डा – बाजन – द्वाराहाट सड़क मार्ग हेतु मंडल द्वारा सड़क परिवहन मंत्री के समक्ष मांग रखी गयी। जो पूर्ण हुई।
1997 – गांव में गौंपई का आयोजन किया गया।
2000 – माँ भगवती एवं माँ मानिला देवी मंदिर के पुनः नवीनीकरण हेतु प्रस्ताव स्वीकृत किया गया एवं माँ भगवती मंदिर का कार्य शुरू किया गया।
2001 – कारगिल युद्ध में शहीद श्री भूपाल राम की पुण्यतिथि पर हर साल गांव में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाना तय किया गया।
2003 – 8 जून’ 2003 को नवनिर्मित माँ भगवती के मंदिर एवं मूर्ति प्रतिष्ठा कर 13 अगस्त को एक भव्य एवं यादगार भंडारे का आयोजन किया गया। युवा मंडल दिल्ली द्वारा माँ भगवती मंदिर प्रांगण में 101 किलोग्राम की घंटी प्रतिष्ठित की गयी।
2004 – माँ मानिला मंदिर के नवीनीकरण का कार्य शुरू किया गया।
2006 – 9 अगस्त’ 2006 को नवनिर्मित माँ मानिला के मंदिर एवं मूर्ति प्रतिष्ठा की गयी। माँ मानिला के नवनिर्मित मंदिर हेतु तत्कालीन विधायक डॉ.प्रताप बिष्ट जी ने अपना अहम् योगदान दिया। युवा मंडल दिल्ली द्वारा माँ मानिला मंदिर प्रांगण में 215 किलोग्राम की घंटी प्रतिष्ठित की गयी।
2008 – 14 अगस्त को एक विशाल भंडारा माँ मानिला की अनुमति से माँ भगवती मंदिर के प्रांगण में आयोजित किया गया। इसी साल माँ महाकाली ने अवतरित होकर सभी भक्तगण को आशीर्वाद दिया तथा माँ का मंदिर बनाने और सम्पूर्ण प्रतिष्ठा करने हेतु माँ महाकाली ने 4 साल का समय दिया। अतः यह तय किया गया की 2012 नवंबर माह तक कार्य संपूर्ण किया जायेगा।
2009 – मार्च माह में भ्रातृ मंडल ने प्रवासी सदस्यों की एक दूरभाष पुस्तिका का प्रकाशन एवं विमोचन किया। नवंबर माह में गाँव में गौंपई का आयोजन किया गया।
2012 – माँ महाकाली के मंदिर बनाये जाने हेतु उचित स्थान चुनने पर 2010 – 2012 तक विचार – विमर्श हुआ। अतः मई माह में गाँव में एक आम सभा आयोजित कर सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया की नवंबर माह में जातरा आयोजित कर माँ महाकाली का अवतरण कराकर मंदिर के लिए उचित जगह चिन्हित कराई जाये एवं मंदिर बनाने और प्रतिष्ठा आदि के लिए समय लिया जाए। नवंबर माह में माँ भगवती मंदिर प्रांगण में जातरा हुई और माँ महाकाली एवं जल भैरवनाथ का मंदिर बनाने हेतु जगह चिन्हित हुई और तय किया गया की अगले एक साल में मंदिर बनकर तैयार होगा तथा माँ महाकाली का भंडारा आयोजित किया जाएगा।
2013 – ग्राम ईन्डा भ्रातृ मंडल दिल्ली द्वारा “आपण पछ्याँण” स्मारिका के प्रकाशन पर विचार एवं विमोचन किया गया। अगस्त माह में माँ महांकाली का भंडारा आयोजित किया गया।
2015 – मई माह में माँ भगवती की नवीन मूर्ति की स्थापना की गयी तथा महामाई का गुणगान एवं भंडारा किया गया।
2017 – अगस्त माह में पित्रालय का निर्माण कार्य किया गया।
2022 – जून माह में माँ भगवती का विशाल भंडारा आयोजित किया गया।
2024 – फरवरी माह में भ्रातृ मंडल द्वारा पुनः एक दिवसीय जातरा एवं माँ भगवती के भंडारे का वार्षिक अधिवेशन मनाया गया।