जगत जननी माँ महांकाली की उत्तराखण्ड में कई रूपों में उपासना की जाती है जो माँ भगवती का ही एक उच्च रूप है यह माँ जगदम्बा अनेकानेक रूपों में सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में विद्यमान हैं इनका अवतरण हमारे गांव में सन् 2008 में हुआ। उनका मंदिर भी हमारे गांव से लगभग 1 किलोमीटर की चढ़ाई पर सुन्दर एवं रमणीक स्थान पर माँ मानिला मंदिर के समीप स्थित है। यहां से भव्य एवं रमणीक हिमालय के दर्शन होते हैं।

माँ महांकाली का पूरे भारत में विविध रूपों में पूजन किया जाता हैं। माँ जगदम्बा के अनेकानेक रूपों में एक रूप महांकाली का है अतः 2012 में माँ महांकाली का नवनिर्मित मंदिर एवं नवनिर्मित मूर्ति प्रतिष्ठा की गयी एवं माँ महांकाली का भंडारा किया गया।

भ्रातृ मंडल दिल्ली द्वारा समय-समय पर माँ के दरबार में भंडारा और गौंपई का आयोजन किया जाता रहा हैं। जिसमें सभी ग्रामवासी बंधु सम्मिलित होते हैं। पूजा प्रतिष्ठा का यह कार्यक्रम चिरकाल से चला आ रहा है।

अतः माँ महांकाली की असीम अनुकम्पा हम सभी ग्राम बंधुओ पर सदा बनी रहे।

“जय माँ महांकाली”