1978 – ग्राम ईन्डा भ्रातृ मंडल, सविंधान ‘1960 के प्रावधानों और नियमों में निम्नलिखित संशोधन किया गया।
1. सभी प्रवासी बन्धुओं द्वारा संशोधन किया जाता है कि जैसा पहले से भ्रातृ मंडल का वार्षिकोत्सव राम-नवमी के दिन किया जाता है। अतः श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाये जाने पर अब यह वार्षिकोत्सव काफी समय से जन्माष्टमी के दिन मनाया जाता है। अतः इनमे कुछ संशोधन इस प्रकार है कि अब भ्रातृ मंडल का वार्षिक अधिवेशन प्रतिवर्ष अगस्त माह में मनाया जाएगा। ताकि हम आने वाले कार्यक्रमों की तैयारी कर सकें और कोई भी सांस्कृतिक कार्य-क्रम धूम-धाम से मना सकें।

2. शेष नियम पूर्वतः ही रहेंगे।

1980 – ग्राम ईन्डा भ्रातृ मंडल, सविंधान ‘1960 के प्रावधानों और नियमों में निम्नलिखित संशोधन किया गया।
1. सभी प्रवासी बन्धु “भ्रातृ मंडल” के सदस्य माने जायेंगे।

2. जो दिल्ली आवास के बाद नौकरी लगने के एक साल पूरा कर लेगा उसे भ्रातृ मंडल की सदस्यता स्वीकार करनी अनिवार्य होगी।

3. मंडल के सदस्य को ऋण केवल उसकी आर्थिक मजबूरी के कारण ही दिया जाएगा।

4. ऋण केवल सदस्य की लड़की की शादी हेतु ही दिया जाएगा चाहे वह गाँव में हो अथवा दिल्ली में। ऋण पर ब्याज 1% मासिक होगा।

5. लड़की की शादी हेतु भ्रातृ मंडल – प्रति मुआँसा 11/- (ग्यारह) रुपये जमा कर कोई सामान लड़की को कन्यादान में देगा। जो पहले 5/- (पांच) रुपये प्रति सदस्य जमा होता था। यह नियम केवल दिल्ली प्रवास में होने वाली शादी पर ही लागू होगा।

6. शेष नियम पूर्वतः ही रहेंगे।

1985 – ग्राम ईन्डा भ्रातृ मंडल, सविंधान ‘1960 के प्रावधानों और नियमों में निम्नलिखित संशोधन किया गया।
1. 15 अगस्त’ 1985 से मासिक शुल्क 1/- (एक) रुपया प्रति सदस्य से बढ़ाकर 2/- (दो) रुपया प्रति सदस्य किया जाता है।

2. कन्यादान हेतु राशि 21/- (इक्कीस) रुपये प्रति सदस्य की जाती है।

3. शेष नियम पूर्वतः ही रहेंगे।

1990 – ग्राम ईन्डा भ्रातृ मंडल, सविंधान ‘1960 के प्रावधानों और नियमों में निम्नलिखित संशोधन किया गया।
1. ऋण की सीमा का निर्धारिण किया जाएगा। तथा अधिक ऋण दिये जाने पर मासिक किस्त 500/- (पांच सौ) रुपये प्रतिमाह + ब्याज देय होगा।

2. समयानुसार सामान की कीमत में भारी व्यय भुगतान करना पड़ता है। अतः सर्वसम्मति से कन्यादान हेतु राशि 21/- (इक्कीस) रुपये प्रति सदस्य से बढ़ाकर 31/- (इकत्तीस) रुपये प्रति सदस्य की जाती है।

3. शेष नियम पूर्वतः ही रहेंगे।

1996 – ग्राम ईन्डा भ्रातृ मंडल, सविंधान ‘1960 के प्रावधानों और नियमों में निम्नलिखित संशोधन किया गया।
1. संशोधन किया गया किया मंडल के किसी भी कारण से किसी सदस्य को ऋण नहीं दिया जाएगा। भ्रातृ मंडल ने स्वीकृत किया गया कि ऋण देना अस्वीकृत किया जाता है। अर्थात ऋण देना बंद किया गया।

2. कन्यादान हेतु जो धन् प्रति सदस्य जमा किया जाता है। वह अब नहीं किया जाएगा। क्योंकि भ्रातृ मंडल के कुछ सदस्यों ने धन् जमा करने वाले सदस्यों पर आरोप लगाया कि धन् जमा करने में कुछ गलत कार्य करते हैं। अतः उसी दिन से यह कार्य बन्द किया गया तथा प्रत्येक सदस्य को छूट दी जाती है कि वह अपनी ओर से चाहे जितना जमा करें स्वयं कन्या के घर वालों के पास कन्यादान जमा करा सकता है।

3. शेष नियम पूर्वतः ही रहेंगे।

2001 – ग्राम ईन्डा भ्रातृ मंडल, सविंधान ‘1960 के प्रावधानों और नियमों में निम्नलिखित संशोधन किया गया।
1. भ्रातृ-मंडल के सभी सदस्यों द्वारा पुनः संशोधन किया गया कि जून ‘ 2001 से गाँव में माँ भगवती का मन्दिर बनाया जाना स्वीकृत किया गया है। अतः अगस्त ‘ 2001 से मंडल प्रति सदस्य जो सदस्यता शुल्क 2/- (दो) रुपये प्रति माह थी वह मन्दिर के पूर्ण होने तक 100/- (एक सौ) रुपये प्रति माह किया जा रहा है। जो कि मन्दिर निर्माण कार्य सम्पन्न होने तक भ्रातृ मंडल के सभी सदस्यों पर लागू होगा। तथा जो पुराना बकाया शुल्क है उसे शीघ्र जमा किया जाएगा।

2. शेष नियम पूर्वतः ही रहेंगे।

2003 – ग्राम ईन्डा भ्रातृ मंडल, सविंधान ‘1960 के प्रावधानों और नियमों में निम्नलिखित संशोधन किया गया।
1. अगस्त’ 2003 में माँ भगवती का भंडारा सम्पूर्ण हुआ तथा मंदिर बनकर तैयार हो गया। अतः जो सदस्यता शुल्क प्रति सदस्य 100/- (एक सौ) रुपये प्रति माह जमा किया जाता था उसे समाप्त किया गया।

2. सितम्बर’ 2003 से संशोधित किया गया कि प्रति सदस्य अब “भ्रातृ मंडल” में 11/- (ग्यारह) रुपये प्रति माह जमा करेगा।

3. ग्राम ईन्डा दिल्ली युवा मंडल के सदस्यों द्वारा पहले ही यह राशि प्रति सदस्य 11/- (ग्यारह) रुपये जमा की जाती है। अतः अब “युवा मंडल” एवं “भ्रातृ-मंडल” को एकीकृत कर सिर्फ “ग्राम ईन्डा भ्रातृ मंडल दिल्ली” नाम दिया जाता है। सभी सदस्य ग्राम-हित के लिए कार्यरत हैं। प्रति सदस्य अब प्रति माह 11/- (ग्यारह) रुपये जमा करेंगे ।

4. शेष नियम पूर्वतः ही रहेंगे।

2006 – ग्राम ईन्डा भ्रातृ मंडल, सविंधान ‘1960 के प्रावधानों और नियमों में निम्नलिखित संशोधन किया गया।
1. अगस्त’ 2006 में माँ मानिला एवं हनुमान जी की मूर्ति प्रतिष्ठा तथा बहुत बड़ी घंटी की प्रतिष्ठा एवं माँ मानिला का नवीन मन्दिर की प्रतिष्ठा की गई।

2. अगस्त’ 2008 में माँ भगवती के भंडारे की तैयारी हेतु प्रति सदस्य 100/- (एक सौ) रुपये पति माह भंडारे तक एवं 11/- (ग्यारह) रुपये प्रति माह प्रति सदस्य जमा करते रहेंगे।

3. शेष नियम पूर्वतः ही रहेंगे।

2009 – ग्राम ईन्डा भ्रातृ मंडल, सविंधान ‘1960 के प्रावधानों और नियमों में निम्नलिखित संशोधन किया गया।
1. अगस्त’ 2009 से भ्रातृ मंडल का मासिक शुल्क 11/- (ग्यारह) रुपये प्रति सदस्य से बढ़ाकर 20/- (बीस) रुपये प्रति सदस्य प्रति माह किया जाता है। अतः अब प्रति सदस्य 20/- (बीस) रुपये जमा करेंगे।

2 . शेष नियम पूर्वतः ही रहेंगे।

2017 – ग्राम ईन्डा भ्रातृ मंडल, सविंधान ‘1960 के प्रावधानों और नियमों में निम्नलिखित संशोधन किया गया।
1. अगस्त ‘ 2017 में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव स्वीकृत किया गया की प्रति सदस्य 500/- (पांच सौ) प्रति माह जमा करेंगे जो की मंदिर के लिए खर्च किये जाएंगे। यह राशि प्रति सदस्य 10,000/- (दस हज़ार) रुपये जमा होने पर समाप्त किये जाएंगे।

2 . शेष नियम पूर्वतः ही रहेंगे।

2023 – ग्राम ईन्डा भ्रातृ मंडल, सविंधान ‘1960 के प्रावधानों और नियमों में निम्नलिखित संशोधन किया गया।
1. सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव स्वीकृत किया गया की भ्रातृ मंडल का मासिक शुल्क 20/- (बीस) रुपये प्रति सदस्य से बढ़ाकर 50/- (पच्चास) रुपये प्रति सदस्य प्रति माह किया जाता है। अब अप्रैल ‘ 2023 से 50/- रुपये प्रति माह जमा करेंगे। तथा आजीवन सदस्य्ता शुल्क 5000/- (पाँच हज़ार) रुपये एक साथ देय होने ही पर मान्य होगा।

2. शेष नियम पूर्वतः ही रहेंगे।