2. शेष नियम पूर्वतः ही रहेंगे।
2. जो दिल्ली आवास के बाद नौकरी लगने के एक साल पूरा कर लेगा उसे भ्रातृ मंडल की सदस्यता स्वीकार करनी अनिवार्य होगी।
3. मंडल के सदस्य को ऋण केवल उसकी आर्थिक मजबूरी के कारण ही दिया जाएगा।
4. ऋण केवल सदस्य की लड़की की शादी हेतु ही दिया जाएगा चाहे वह गाँव में हो अथवा दिल्ली में। ऋण पर ब्याज 1% मासिक होगा।
5. लड़की की शादी हेतु भ्रातृ मंडल – प्रति मुआँसा 11/- (ग्यारह) रुपये जमा कर कोई सामान लड़की को कन्यादान में देगा। जो पहले 5/- (पांच) रुपये प्रति सदस्य जमा होता था। यह नियम केवल दिल्ली प्रवास में होने वाली शादी पर ही लागू होगा।
6. शेष नियम पूर्वतः ही रहेंगे।
2. कन्यादान हेतु राशि 21/- (इक्कीस) रुपये प्रति सदस्य की जाती है।
3. शेष नियम पूर्वतः ही रहेंगे।
2. समयानुसार सामान की कीमत में भारी व्यय भुगतान करना पड़ता है। अतः सर्वसम्मति से कन्यादान हेतु राशि 21/- (इक्कीस) रुपये प्रति सदस्य से बढ़ाकर 31/- (इकत्तीस) रुपये प्रति सदस्य की जाती है।
3. शेष नियम पूर्वतः ही रहेंगे।
2. कन्यादान हेतु जो धन् प्रति सदस्य जमा किया जाता है। वह अब नहीं किया जाएगा। क्योंकि भ्रातृ मंडल के कुछ सदस्यों ने धन् जमा करने वाले सदस्यों पर आरोप लगाया कि धन् जमा करने में कुछ गलत कार्य करते हैं। अतः उसी दिन से यह कार्य बन्द किया गया तथा प्रत्येक सदस्य को छूट दी जाती है कि वह अपनी ओर से चाहे जितना जमा करें स्वयं कन्या के घर वालों के पास कन्यादान जमा करा सकता है।
3. शेष नियम पूर्वतः ही रहेंगे।
2. शेष नियम पूर्वतः ही रहेंगे।
2. सितम्बर’ 2003 से संशोधित किया गया कि प्रति सदस्य अब “भ्रातृ मंडल” में 11/- (ग्यारह) रुपये प्रति माह जमा करेगा।
3. ग्राम ईन्डा दिल्ली युवा मंडल के सदस्यों द्वारा पहले ही यह राशि प्रति सदस्य 11/- (ग्यारह) रुपये जमा की जाती है। अतः अब “युवा मंडल” एवं “भ्रातृ-मंडल” को एकीकृत कर सिर्फ “ग्राम ईन्डा भ्रातृ मंडल दिल्ली” नाम दिया जाता है। सभी सदस्य ग्राम-हित के लिए कार्यरत हैं। प्रति सदस्य अब प्रति माह 11/- (ग्यारह) रुपये जमा करेंगे ।
4. शेष नियम पूर्वतः ही रहेंगे।
2. अगस्त’ 2008 में माँ भगवती के भंडारे की तैयारी हेतु प्रति सदस्य 100/- (एक सौ) रुपये पति माह भंडारे तक एवं 11/- (ग्यारह) रुपये प्रति माह प्रति सदस्य जमा करते रहेंगे।
3. शेष नियम पूर्वतः ही रहेंगे।
2 . शेष नियम पूर्वतः ही रहेंगे।
2 . शेष नियम पूर्वतः ही रहेंगे।
2. शेष नियम पूर्वतः ही रहेंगे।